बहू ने सास को प्रणाम किया.
सास ने आशीर्वाद दिया, 'दूधों नहाओ, पूतों फलो।
बहू बिफर गई, 'यह कैसा आशीर्वाद है? क्या आप नहीं जानती कि मुझे दूध अच्छा नहीं लगता, और आप हें कि दूध में नहाने की बात कर रही हें? और कैसी स्त्री हें आप कि पूतों फलो कह रही हें? क्या आपको बेटियाँ अच्छी नहीं लगती?'
'अरे यह तो एक आशीर्वाद है', सास ने कहा, 'दूधों नहाओं का मतलब है सुखी रहो, और पूतों है तुकबंदी के लिए, क्या तुक बनती अगर में कहती 'साबुन से नहाओ, पूती फलो'। अरे बेटे और बेटी में कोई फर्क है क्या?'
बहू ने मन में कहा, 'बात तो आप ठीक कहती है' पर जोर से कहा, 'मैं सब समझती हूँ, यह सब नारी को बंधन में बाँधने का षड़यंत्र है। मैं इन घटिया परम्पराओं का विरोध करती हूँ। यह नारी प्रगति का ज़माना है। नारी अब जाग गई है।'
'बस बस', सास ने बीच में टोका, 'तेरे चिल्लाने से बिटिया जाग गई। उसे दूध पिला और चुप करा। बड़ी आई नारी प्रगति वाली। पहले नारी का मतलब तो समझ ले। इस लेप टाप ने तो इस का दिमाग ख़राब कर दिया है। अरे तू शादीशुदा है, अपना परिवार देख। जिनकी शादी नहीं हुई उनके चक्कर में पड़ कर अपना परिवार बिगाड़ेगी'।
हर इंसान चाहता है उस का जीवन सुखी हो. इस के लिए वह सारे प्रयत्न करता है. कुछ सफल होते हैं. कुछ नहीं. फ़िर लोगों की अपनी अलग परिभाषाएं हैं सुखी जीवन की. कुछ लोग थोड़ा पाकर भी खुश हो जाते हैं. कुछ लोग बहुत कुछ पाकर भी खुश नहीं होते. आईये इस ब्लाग में इस पर चर्चा करें.
दुःख का अनुभव किए बिना सुख का महत्व पता नहीं चलता. इस लिए दुःख से घबराना नहीं चाहिए. दुःख से सीखना चाहिए. समस्याओं के प्रति सकारात्मक द्रष्टिकोण रखने से अनेक समस्याएं आसानी से हल हो जाती हैं. मनुष्य को प्रकृति से सीखना चाहिए, उस से मुकाबला नहीं करना चाहिए. प्रकृति के नियमों का अनुसरण करके सुखी जीवन जिया जा सकता है.
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सुखी जीवन का रहस्य
दूसरों के सुख में सुखी होंगे तो आपका अपना जीवन सुखी होगा
3 comments:
'बस बस', सास ने बीच में टोका, 'तेरे चिल्लाने से बिटिया जाग गई।.....
बहुत खूब सुरेश भाई !
अरे तू शादीशुदा है, अपना परिवार देख। जिनकी शादी नहीं हुई उनके चक्कर में पड़ कर अपना परिवार बिगाड़ेगी'।
बिल्कुल सही कहा ?
अरे तू शादीशुदा है, अपना परिवार देख। जिनकी शादी नहीं हुई उनके चक्कर में पड़ कर अपना परिवार बिगाड़ेगी'।
सुरेश जी आज तो आप के पांव छूने को मन करता हे, बहुत खुब सुरत लिख हे, बिलकुल मेरे पिता जी की तरह से,मे आप को प्राणाम करता हु, इस लेख ने हंसा हंसा कर मेरे पुरे परिवार को लोट्पोट कर दिया, धन्यवाद
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