पति - अजी सुनती हो, चिरंजीवी गरीबी मिटाने राजनीति में आ रहा है।
पत्नी - अच्छा! मुझे पता ही नहीं था कि चिरंजीवी गरीब है।
पति - हाँ, यह अदंर की बात तो मुझे भी पता नहीं थी.
पत्नी - बैसे है अक्लमंद वह। गरीबी मिटाने के लिए राजनीति से ज्यादा आसान और अच्छा धंदा कोई नहीं है आजकल।
पति - शबाना ने कहा क्योंकि वह मुसलमान है इस लिए मुंबई में उसे कोई मकान नहीं देता।
पत्नी - पर आज तक क्या वह फुटपाथ पर रहती थी?
पति - अगर वह मुझसे कहती तो मैं जरूर अपना मकान उसे दे देता।
पत्नी - और ख़ुद फुटपाथ पर रहने चले जाते। लगता है इसी लिए उसे मकान नहीं मिलता।
पति - क्लिनिकल ट्रायल में ४९ बच्चे मर गए। एम्स के डाक्टर्स का कहना है ट्रायल्स को दोष न दें।
पत्नी - डाक्टर्स की बात सही है। अगर उन्होंने बच्चों के माता-पिता से आज्ञा लिए बिना ऐसा किया तब तो यह कत्ल हुआ और इस की सजा डाक्टर्स को मिलनी चाहिए।
पति - लालू ने कहा कि सिमी आतंकवादियों की गिरफ्तारी ग़लत है। इस से पहले उन्होंने सिमी पर पाबंदी का विरोध किया था।
पत्नी - अब समय आ गया है कि आतंकवादियों के समर्थक भी गिरफ्तार किए जाएँ वरना यह जयचंद इस देश को फ़िर से गुलाम बना देंगे।
पति - फेल्प्स ने ओलम्पिक में अकेले जितने पदक जीते हें वह भारत के १०८ वर्षों में जीते पदकों के बराबर हें। और तो और, फेल्प्स ने १४ स्वर्ण पदक जीते हें और भारत केवल ९ स्वर्ण पदक जीत पाया है।
पत्नी - जब तक खिलाड़ी खेल खेलते रहेंगे तब तक यही होगा। बाबू और नेताओं को खेलने दो फ़िर देखो सारे पदक भारत को मिलेंगे।
पति - चीन ने भारत के राष्ट्रपति या प्रधान मंत्री को ओलम्पिक के लिए आमंत्रित नहीं किया। उसने सोनिया और उस के परिवार को न्योता भेजा। कितनी शर्म और बेइज्जती की बात् है।
पत्नी - शर्म और बेइज्जती की बात चीन के लिए नहीं सोनिया के लिए है, जिसने देश का अपमान करने wale इस निमंत्रण को स्वीकार किया। यही होगा जब किसी विदेशी को देश और सरकार से ऊपर रखा जाएगा।
पति - पर भारत के बहुत सारे लोग उसे अपने नेता के रूप में देखते हें।
पत्नी - यही तो अफ़सोस है कि भारत में जयचंदों की संख्या प्रिथ्विराजों से ज्यादा है।
हर इंसान चाहता है उस का जीवन सुखी हो. इस के लिए वह सारे प्रयत्न करता है. कुछ सफल होते हैं. कुछ नहीं. फ़िर लोगों की अपनी अलग परिभाषाएं हैं सुखी जीवन की. कुछ लोग थोड़ा पाकर भी खुश हो जाते हैं. कुछ लोग बहुत कुछ पाकर भी खुश नहीं होते. आईये इस ब्लाग में इस पर चर्चा करें.
दुःख का अनुभव किए बिना सुख का महत्व पता नहीं चलता. इस लिए दुःख से घबराना नहीं चाहिए. दुःख से सीखना चाहिए. समस्याओं के प्रति सकारात्मक द्रष्टिकोण रखने से अनेक समस्याएं आसानी से हल हो जाती हैं. मनुष्य को प्रकृति से सीखना चाहिए, उस से मुकाबला नहीं करना चाहिए. प्रकृति के नियमों का अनुसरण करके सुखी जीवन जिया जा सकता है.
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गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं
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सुखी जीवन का रहस्य
दूसरों के सुख में सुखी होंगे तो आपका अपना जीवन सुखी होगा
1 comment:
सुरेश जी क्या बात हे ..
शर्म और बेइज्जती की बात चीन के लिए नहीं सोनिया के लिए है, जिसने देश का अपमान करने wale इस निमंत्रण को स्वीकार किया। यही होगा जब किसी विदेशी को देश और सरकार से ऊपर रखा जाएगा।*** यह लाइने मेरे दिल की बात हे
बहुत ही सुन्दर लिखा हे आप ने धन्यवाद
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