दुःख का अनुभव किए बिना सुख का महत्व पता नहीं चलता. इस लिए दुःख से घबराना नहीं चाहिए. दुःख से सीखना चाहिए. समस्याओं के प्रति सकारात्मक द्रष्टिकोण रखने से अनेक समस्याएं आसानी से हल हो जाती हैं. मनुष्य को प्रकृति से सीखना चाहिए, उस से मुकाबला नहीं करना चाहिए. प्रकृति के नियमों का अनुसरण करके सुखी जीवन जिया जा सकता है.

Saturday, November 01, 2008

सकारात्मक सोच

अपने सोच को सकारात्मक बनाइये
यह विपरीत परिस्थिति मैं आपकी मदद करेगा,
नकारात्मक सोच से बचिएयह 
सही परिस्थिति को भी आपके ख़िलाफ़ कर देता है.

1 comment:

Vivek Gupta said...

सटीक विचार

गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं

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सुखी जीवन का रहस्य

दूसरों के सुख में सुखी होंगे तो आपका अपना जीवन सुखी होगा